फिर गोरीकुंड जैसा हादसा ना हो…..

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संवेदनशील स्थलों को किया जाए चिह्नितः लाल चंद शर्मा

देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के देहरादून महानगर के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने प्रदेश सरकार से केदारनाथ पैदल मार्ग स्थित संवेदनशील स्थलों को चिह्नित करने और ऐसे स्थानों से दुकान आदि दूसरे स्थानों में शिफ्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हर साल केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार सोई पड़ी है।
लालचंद शर्मा ने कहा कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर बार बार भूस्खलन हो रहा है। सरकार बड़े बड़े दावे तो कर रही है, लेकिन धरातल पर ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। चार अगस्त की आधी रात के दौरान गौरीकुंड में डाक पुलिया के पास पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आने से दो दुकान और एक खोखा मंदिकिनी नदी में समा गया। इस हादसे में 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को भूस्खलन की दृष्टि से ऐसे संवेदनशील स्थलों को चिह्नित करना चाहिए। यदि ऐसे स्थलों पर कोई दुकान या मकान हैं तो उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा केदारनाथ पैदल मार्ग भी सुरक्षित नहीं है। बीते छह वर्षों में पैदल मार्ग पर यात्रा के दौरान पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से 16 यात्रियों की मौत हो चुकी है। इस वर्ष 25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में अभी तक पत्थर लगने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी रास्ते पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हो पाए हैं। इन दिनों बारिश में कई जगहों पर निरंतर पत्थर गिरने का खतरा बना है। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील स्थलों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाने चाहिए।
देहरादून महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि भूस्खलन को रोकने के लिए ठोस उपाय या तकनीकी का उपयोग करना चाहिए। ताकि हम बाहर से आने वाले यात्रियों को ये संदेश दे सकें कि केदारनाथ यात्रा सुरक्षित है। यहां किसी तरह का खतरा नहीं है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखकर सरकार अपनी पीठ तो थपथपा रही है, लेकिन सुरक्षा के उपाय को लेकर अभी ठोस प्रबंध नहीं किए गए हैं।

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