आंदोलनकारी मंच ने पुलिस की कार्यवाही को दिया अमानवीय करार….

0

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस की कार्यवाही को अमानवीय करार दिया है।

राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश प्रवक्ता जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि गांधीवादी आंदोलन के बीच में जिस प्रकार कुछ शरारती तत्वों ने अवस्था फैलाकर गफलत की स्थिति पैदा करी और पुलिस के लाठी चार्ज से कई बेरोजगार युवक युवतियों को बदहवास सी स्थिति में भगदड़ के कारण चोटिल होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस घटना की बारीकी से जांच कराई जाए जिससे वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो व सच्चाई सामने आए। यदि प्रशासन ने बीती रात सूझबूझ सेे काम लिया होता तो ये नौबत ना आती साथ ही कल हजारों की भीड़ को देखते हुए सीधे मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए था और तत्काल बेरोजगारों से वार्ता कर इस घटना को टाला जा सकता था।सूत्रों के अनुसार युवा बेरोजगारों द्वारा कल हुए लाठी चार्ज के विरोध में शांति मार्च निकालने हेतु एकत्र हुए और शहीद स्मारक के अन्दर प्रवेश कर गए जहां पुलिस द्वारा पूरे शहीद स्मारक को घेर कर रखा गया।शहीद स्मारक में धरना दे रहे बेरोजगारों को सभी राज्य आंदोलनकारियो द्वारा समर्थन दिया गया और सरकार से मांग की गई कि गिरफ्तार युवाओं को तत्काल बिना शर्त छोड़े और सरकार से सीधे वार्ता कराई जाय।वरिष्ठ राज्य आंदोलनारी पुष्पलता सिलमाना एवं सुभागा फर्सवाण ने कहा कि पुनः वर्षो बाद राज्य आंदोलन की घटना फिर से दोहराई गयी जिस प्रकार 27% के विरोध में छात्र सड़को पर आए थे और वह तत्काल राज्य आंदोलन की लड़ाई में परिवर्तित हो गया था।आज बेरोजगार युवको की भीड़ को लेकर जिला प्रशासन व राज्य आंदोलनकारियों में तीखी बहस भी हुई।आज मुख्य रूप से जगमोहन सिंह नेगी , पुष्पलता सिलमाना , सुभागा फर्सवान , प्रदीप कुकरेती , सुरेश नेगी , सुमित थापा , हरी सिंह मेहर ,सुरेश कुमार , बाल आयोग की पूर्व अध्यक्ष उषा नेगी , महिला मंच की निर्मला बिष्ट , बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ममोहन कंडवाल , सचिव अनिल शर्मा , सुरेन्द्र सजवाण मुख्य रूप से मौजूद रहे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *