गोष्ठी मे मानवता युग लाने की सकारात्मक पहल का स्वागत….

गोष्ठी मे मानवता युग लाने की सकारात्मक पहल का स्वागत….

कनाडा में महात्मा बुद्ध के विचारों पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

कोलंबिया विश्व विधालय, कनाडा में 21 तारीख से एक सप्ताह चलने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी मे आज जाने माने विचारकों ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया को अपने विचारों से नया रास्ता दिखाने वाले महात्मा बुद्ध भारत के महान चिंतक, दार्शनिक, समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते हैं. बुद्ध ने सत्य और अहिंसा को अपने जीवन का आधार बनाया और विश्व को मानवता, दया और करुणा का ऐसा संदेश दिया की हज़ारों साल बाद आज भी उनके विचार प्रासंगिक है.

महात्मा बुद्ध ने बताया कि अपना प्रकाश खुद बनो. किसी बात को केवल इसलिए न मानो की ऐसा सदियों से होता आया है, पुरानी परंपरा है या ग्रंथो में लिखा है. हर बात को बुद्धि, तर्क, विवेक, चिंतन व् अनुभूति की कसौटी पर तौलना, परखना और यदि वह बात स्वंय के लिये, समाज के लिए व पूर्ण मानव जगत के कल्याण के हित मे है तो ही मानना चाहिये.

बुद्ध का एकमात्र लक्ष्य निर्वाण की प्राप्ति है. बुद्ध आत्मा के असितत्व मे विश्वास नही रखते थे, उनका मानना था कि संसार नश्वर है. महात्मा बुद्ध ने मानव कल्याण के लिये केवल अन्त: शुद्धि पर जोर दिया. राज रतन अम्बेडकर और संगोष्ठी मे आए विद्वान भंते जी ने कहा की इनके विचारो को अपनाकर हम एक बेहतर समाज की कल्पना कर सकते है.

ज्ञात हो की इस संगोष्ठी का आयोजन डॉ अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय को- ओर्डिनेशन सोसाइटी व चेतना एसोसिएशन ऑफ कनाडा द्वारा किया जा रहा है.

संगोष्ठी मे बताया गया की बौद्ध धर्म का आशय इसके प्रचार प्रसार से नही बल्कि महात्मा बुद्ध के आदर्शो, विचारों और उनके उपदेशों से हमे शिक्षा लेने की जरुरत है. इस संगोष्ठी मे कई देशों से विद्वान आये हैं जो अपने विचार बौद्ध धर्म और दलित उत्थान और कल्याण पर करेंगे.

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )