साथी को अपनाए खुद को बनाये आत्म निर्भर-महाराज

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पर्यटन विभाग उद्योगिक इकाइयों को भारत विजन से जोड़ेगा

देहरादून। वैश्विक महामारी से प्रमावित छोटे उद्योगो को फिर से नई सोच के साथ उभरने का एक सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है।

जी हाँ ! एक ऐसा साथी आपको मिलने जा रहा जो वैश्विक महायोजना को आत्म निर्भर भारत के विजन के साथ जोड़ेगा और साथ ही आपके भविष्य को साकार करेगा।
राज्य के बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करने जा रहे पर्यटन विभाग ने इस महायोजना को पूरे राज्य की औद्योगिक इकाईयो से जुड़ने का जिम्मा लिया है।

राज्य के कैबेनेट मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों की बैठक के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा एक पहल साथी जो (आतिथ्य उद्योग के लिए मूल्यांकन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए प्रणाली) है जो छोटे उद्योगों को वैश्विक स्तर पर विकसित करने के लिए उद्योगों का समर्थन करके आत्म निर्भर भारत को बनाए रखती है। यह पहल पर्यटकों और साथ ही आतिथ्य उद्योग पोस्ट कोविड-19 में कर्मचारियों के भरोसा और विश्वास बनाये रखने पर केंद्रित है pयह पहल वर्तमान में होटल, रेस्तरां, बी2बी/होमस्टे पर लागू है। साथी ऐप को तीन चरणों में विभाजित किया गया हैं जिसमें, कोविड 19 के दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन करने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन, क्षमता निर्माण, जो होटल व्यवसायी, रेस्तरां और अन्य लोगों की क्षमता बनाने में मदद करेगा। साइट मूल्यांकन, जो अंतराल की पहचान करने के लिए भूमि कार्यान्वयन पर जाँच करता है।
सरकार द्वारा चलायी जा रही इस पहल के बारे में बात करते हुए, पर्यटन मंत्री, सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘साथी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए आतिथ्य उद्योग के साथ मदद और भागीदारी है। इस पहल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की आत्म निर्भर भारत के विजन के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी संबंधित हित धारकों से अनुरोध करूंगा कि वे इस पहल में सक्रिय रूप से खुद को पंजीकृत कराएं।
सचिव पर्यटन, श्री दिलीप जावलकर ने कहा, “उत्तराखंड में साथी पहल के तहत 320 से अधिक इकाइयां पहले ही अपना पंजीकरण करा चुकी हैं। साथी राज्य में सुरक्षा भागफल को बनाए रखेगा और पर्यटन उद्योग में हमारे हितधारकों को सशक्त करेगा। हमें यकीन है कि हम आने वाले दिनों में उपरोक्त संख्या में वृद्धि करेंगे।

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