डेटॉल की इस उत्‍कृष्‍ट पहल से  राज्‍य के बच्‍चों और समाज की बदलेगी दिशा-धामी

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उत्‍तराखंड। कंज्‍यूमर हेल्‍थ और हाइजीन क्षेत्र की दुनिया की अग्रणी कंपनी रेकिट ने अपने अभियान ‘डेटॉल बनेगा स्‍वस्‍थ इंडिया’के तहत ‘डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम’ उत्‍तराखंड के सभी स्‍कूलों में शुरू किया है। मंगलवार को कंपनी ने अपने कार्यान्‍वयन पार्टनर प्‍लान इंडिया के साथ देहरादून में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन कार्यक्रम का लक्ष्‍य उत्‍तराखंड के 13 जिलों के 50 लाख बच्‍चों तक पहुंचना है। उत्‍तराखंड के माननीय मुख्‍यमंत्री श्री पुष्‍कर सिंह धामी ने इस दौरान कार्यक्रम में स्‍वच्‍छता कॉर्नर का भी उद्घाटन किया।

मुख्‍यमंत्री श्री पुष्‍कर सिंह धामी, उत्‍तराखण्‍ड सरकार के महानिदेशक, स्‍कूल शिक्षा श्री बंसीधर तिवारी और रेकिट-साउथ एशिया के डायरेक्‍टर (एक्‍सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्‍स) श्री रवि भटनागर ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा, ‘स्‍वच्‍छता और सफाई प्रगति का आधार हैं। अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता की आदत दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। डेटॉल की इस उत्‍कृष्‍ट पहल से हमें राज्‍य के बच्‍चों और समाज में स्‍वच्‍छता को लेकर व्‍यवहार में बदलाव देखने को मिलेगा। मैं डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम के सफल होने की शुभकामनाएं देता हूं। उम्‍मीद है यह यह कार्यक्रम लोगों के खुशहाल जीवन के लिए स्‍वच्‍छता को व्‍यवहार में शामिल कर पाएगा।’

रेकिट, साउथ एशिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, श्री गौरव जैन ने कहा, ‘ रेकिट स्‍वस्‍थ और खुशहाल दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्‍तराखंड में डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम हमारे उद्देश्‍य संरक्षित करने, आरोग्‍य बनाने और पारिपोषण करने की दिशा में एक और कदम है। यह कार्यक्रम बच्‍चों में छोटी उम्र से ही स्‍वच्‍छता के महत्‍व को समझाने के सिद्धान्‍त पर कार्य करता है और इसकी संरचना ऐसी है जो शिक्षकों और अन्‍य हितधारकों की मदद से उत्‍साहवर्धक भागीदारी को प्रोत्‍साहित करता है। पिछले 7 वर्षों में इस कार्यक्रम ने बच्‍चों की शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य पर महत्‍वपूर्ण प्रभाव डाला है। हम उत्‍तराखंड सरकार को उनके सतत् सहयोग के लिए धन्‍यवाद देते हैं जिसकी बदौलत यह कार्यक्रम टिकाऊ और बेहतर परिणाम देगा।’

रेकिट-साउथ एशिया के डायरेक्‍टर (एक्‍सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्‍स) श्री रवि भटनागर ने कहा, ‘स्‍वास्‍थ्‍य के विभिन्‍न पैमानों पर लोगों के जीवन स्‍तर को ऊपर उठाने और सुधारने की दिशा में उत्‍तराखंड उल्‍लेखनीय कार्य कर रहा है। रेकिट इंडिया का प्रमुख अभियान ‘डेटॉल बनेगा स्‍वस्‍थ इंडिया’ भावी लीडर्स के जरिए शिक्षित और जागरूक राज्‍य बनाने की दिशा में एक शानदार पहल है। बड़े बदलाव लाने के लिए जल्‍दी शुरुआत महत्‍वपूर्ण है। उत्‍तराखंड में डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम का उद्देश्‍य बच्‍चों में छोटी उम्र में ही स्‍वच्‍छता के प्रति व्‍यवहार में बदलाव लाना है। स्‍कूल पाठ्यक्रम में स्‍वच्‍छता को शामिल करके और इस शिक्षा को प्रत्‍येक बच्‍चे तक पहुंचाकर यह कार्यक्रम बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता की धुरी बनता है। बच्‍चों के स्‍वस्‍थ और खुशहाल जीवन के लिए यह कार्यक्रम समर्पित है।’

उत्‍तराखण्‍ड सरकार के महानिदेशक, स्‍कूल शिक्षा बंसीधर तिवारी ने इस अवसर पर कहा, ‘रेकिट के डेटॉल स्‍कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम ने उत्‍तराखंड के स्‍कूली बच्‍चों और समुदाय में स्‍वच्‍छता और सफाई की आदत को बढ़ावा देने के‍ लिए बेहतरीन प्रयास किया है। इस कार्यक्रम ने बच्‍चों को बदलाव का प्रतिनिधि बनाकर समाज के स्‍वास्‍थ्‍य में महत्‍वपूर्ण बदलाव लाने का काम किया है। हमारे लोगों के लिए ऐसी पहल कर उनको बेहतर व्‍यकित बनाने के लिए किए प्रयास के लिए धन्‍यवाद देता हूं।’

प्‍लान इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री मोहम्‍मद आसिफ ने कहा, ‘व्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता और सफाई निजी, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक स्‍वास्‍थ्‍य आदि कई कारणों से महत्‍वपूर्ण है। उचित स्‍वच्‍छता और सफाई बीमारियों और संक्रमण को रोकने का काम करती है। यदि इस धरती पर हर व्‍यक्ति खुद की और अपने आसपास की स्‍वच्‍छता का ख्‍याल रख ले तो बड़ी मात्रा में बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। रेकिट की पहल डेटॉल स्‍कूल स्‍वच्‍छता शिक्षा कार्यक्रम ने स्‍वच्‍छता की संस्‍कृति विकसित करने और लोगों में सफाई की अच्‍छी परंपरा विकसित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किया है। रेकिट के साथ प्‍लान इंडिया की साझेदारी का मैं स्‍वागत करता हूं और भविष्‍य में इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’

यह कार्यक्रम बच्‍चों को 6 महत्‍वपूर्ण अवसरों पर हाथ धोने के लिए जागरूक बनाता है, जिसमें शौच के बाद हाथ धोना, शौचालय के उपयोग के बाद हाथ धोना, भोजन से पहले हाथ धोना, खाना बनाने और परोसने से पहले हाथ धोना, नवजात/बच्‍चों को भोजन कराने से पूर्व हाथ धोना, बच्‍चे को शौच कराने के बाद हाथ धोना और बीमार होने की स्थिति में खांसने और छींकने के बाद हाथ धोना। उधम सिंह नगर में यह कार्यक्रम पहले ही अपनी महत्‍वपूर्ण छाप छोड़ चुका है और इसने किच्‍चा स्थित सीएचसी और विभिन्‍न स्‍कूलों की ढांचागत सुविधाओं का नवीनीकरण किया है और विभिन्‍न स्‍कूलों में शिक्षकों के जरिए स्‍वच्‍छता के सत्र आयोजित कर बच्‍चों में स्‍वच्‍छता की संस्‍कृति विकसित करने का काम किया है। स्‍वच्‍छता के विशेषज्ञतों की ओर से तैयार पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए शिक्षक पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। इस कार्यक्रम ने स्‍वच्‍छता का सही संदेश पहुंचाने के लिए वॉल पेंटिंग, स्‍वच्‍छता कॉर्नर और बेहतरीन पाठ्यक्रम की मदद ली है।

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