उत्तराखण्ड को वेलनेस टूरिज्म के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद

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आयुष एवं पर्यटन विभाग मिलकर करेंगे कार्य योजना को साकार

देहरादून। उत्तराखण्ड में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योग, वेलनेस व पंचकर्म सेंटर को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए आयुष विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर काम कर रहा है। इस क्रम में आयुर्वेद व युनानी सेवा के निदेशालय में आयुष वेलनेस केंद्र, योग केंद्र, पंचकर्म एवं स्पा आदि के मानक निर्धारण हेतु शासन द्वारा गठित समन्वय समिति द्वारा हितधारकों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।

उपरोक्त बैठक में यूटीडीबी की अपर निदेशक  पूनम चंद ने राज्य में वेलनेस, योग व पंचकर्म केंद्र आदि के मान‌क निर्धारित किए जाने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में आयुष विभाग के निदेशक प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उत्तराखण्ड में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योग, वेलनेस व पंचकर्म सेंटर को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए आयुष विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है। इससे प्रदेश भर के योग, वेलनेस और पंचकर्म सेंटर की जानकारी एक क्लिक में आसानी से मिल सकेगी। आयुष विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त पोर्टल पर योग, वेलनेस और पंचकर्म केंद्रों को पंजीकरण करने की प्रक्रिया के बारे में बताया एवं हितधारकों द्वारा सुझाव मांगें गए।

यूटीडीबी की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद ने कहा कि उत्तराखण्ड में वेलनेस, योग व पंचकर्म की अपार संभावनाएं हैं। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज के निर्देशन पर लगातार काम कर रहा है। इसी क्रम में ‌आयुष विभाग के साथ मिलकर तैयार किए पोर्टल के माध्यम से राज्यभर के योग, पंचकर्म और वेलनेस सेंटरों का रजिस्ट्रेशन होगा और इनकी नियमित निगरानी भी की जा सकेगी। इसका सीधा लाभ इस क्षेत्र से जुड़े लोगों व देश-दुनिया से उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को मिलेगा। इसके साथ ही इन सेंटरों का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन शैली और रोगमुक्त शरीर हेतु प्रेरित करना है। वेलनेस सेंटरों पर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी दी जाएगी। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ऋ‌षिकेश को अंतरराष्ट्रीय योग हब बनाए जाने हेतु की गई घोषणा के संबंध में भी हितधारकों से चर्चा करने के साथ सुझाव मांगे गए। बैठक में राज्य व देशभर के हितधारकों ने व्यक्तिगत व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया।

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