आर्टीकल धारा 370 के अनछुए पहलू……

वर्षगांठ पर विशेष

देहरादून। गुजरे लम्हो की दास्तां अब हो चुकी है पुरानी। नए युग के साथ चलने की सबने है मन मे ठानी।

दहशत व खोफ के साये में अब नही जीना, ये बात है हमने जानी।
370 का गया दौर अब आई है रुत मस्तानी।आओ ! झूमें नाचे गाये मिलकर धूम मचाये और फक्र से कहे हम है हिंदुस्तानी ।
मन के ये उदगार कोई कोई शायरी या कविता नही है। ये जल्द आने वाले नए युग की पुकार है जो बार बार काश्मीर के लोगो को उनके अपने होने का एहसास जगा रहा है।
अनुच्छेद धारा 370 हटने से अब धीरे धीरे आवाम में तब्दीली आ रही है वर्षो से जिन पाबंदियों के साये में जी रहे थे लोग आज वे फक्र से सर उठाकर अपने सुनहरे भविष्य को सार्थक बनाने में जुटे है। लंबे वर्षो से जुल्म व दर्द की दास्तां का दंश झेलने वाले कश्मीर की आवाम अब अपने मांझी को याद नही करती है। आज केन्द्र सरकार के फैसले को सौगात मानकर बड़ी शिद्दत से अपने खुदा का इस्तक़बाल करते है।
जहाँ सुकून व चैन का माहौल देखने को मिल रहा है वहीं कुछ कुछ ऐसे लोग भी है जो सियासत के नाम पर लोंगो को बहका रहे है। कश्मीर जैसे मुद्दे की आजादी का वास्ता देकर आवाम में जहर घोलने का काम ये कर रहे है। इन फिरका परस्त दहशतगर्दो द्वारा सियासत के नाम पर जो खेल ये खेलना चाहते है वे कभी अपने मंसूबो पर कामयाब नही हो पाएंगे।
केन्द्र सरकार सुनियोजित योजना के तहत कश्मीर व लद्दाख जैसे प्रदेशों को एक आदर्श प्रदेश बनाये जाने की तैयारी में जुटी है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नई सोच व उनकी कार्य योजनाएं इन प्रदेशो को विकास से जोड़कर लोगो को आत्म निर्भर बनाएगी।
आज सही मायने में कहा जाए तो नए युग के साथ बदल रहे कश्मीर से जुड़े कई शहर व गाँव की तस्वीर भी बदलने जा रही है।

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