
ये है कैसी विडंबना जो पूजी जाती है देवी फिर उनके साथ दरिंदगी क्यों ?
देहरादून। दिल्ली के नांगल गांव में 9 वर्ष की बच्ची के साथ की गई दरिंदगी व दुष्कर्म करने के बाद बच्ची को जलाने का किया प्रयास, जबकि इस घटना पर पुलिस द्वारा उन अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए थी परन्तु पुलिस उल्टा अभियुक्तों की मदद कर रही है। मदद,FIR, हल्की धाराओं में दर्ज की गई थी।
ये कविता उन मासूम बच्चियों के नाम समर्पित है
नन्ही कलियां और हैवानियत
मासूम बच्चियां नहीं, ये वो कालियां है जिनसे गुलशन महक जाता है।
परन्तु बेहरमी से पेड़ की शाख से इन्हें तोड़ दिया जाता है।
ये वो कलियां है जिनसे गुलशन महक जाता है ।।
आखिर इन मासूमों को किस बात की मिली सजा।
सजा भी इतनी दर्दनाक जो इंसानियत व मानवता को भी शर्मसार कर जाता है ।
ये वो कलियां है जिनसे गुलशन महक जाता है ।।
जो है सजा के है हकदार कानून उनका कुछ नही बिगड़ता है।
बेखोफ घूम रहे है ये लोग,
शराफत के नाम पर मानवता का मजाक उड़ाया जाता है।
मानवता को कलंकित करने वाले क्रूर हाथो से आखिर मासूम जिंदगी का साथ छूट जाता है।
ये वो कलियां है
जिनसे गुलशन महक जाता है
अब चुप बैठना नही है मासूम नन्ही कलियों से ये वादा है
वैहशी दरिन्दे बच ना पाएंगे हर आंसू का कतरा यही कहता जाता है।
ये वो कलियां है जिनसे गुलशन महक जाता है ।।
लेखक की कलम से…..
ये घटना केवल दलित परिवार की बेटी की ही नही है। मासूम बच्ची किसी की भी हो सकती है परन्तु ऐसी घटना का हमारे हिन्दू समाज में घटित होना बड़े शर्म की बात है।
ये वही हिंदुस्तान है जहाँ कन्याओं को देवी व कंजक के रूप में पूजा जाता है। आखिर ये कैसी विडंबना है जिन कन्याओ को देवी समझा जाता है आज उन मासूमों के साथ दरिन्दगी दिखाते हुए उनको मार दिया गया।