
गरीब छात्रों के मायूस चेहरों पर रौनक ला सकते है पुष्कर सिंह धामी

राज्य के महाविद्यालय को वर्तमान सरकार के मदद की दरकार
देहरादून। देश को होनहार व ऊर्जावान प्रतिभाएं देने वाले राज्य के महाविद्यालय को वर्तमान सरकार के मदद की दरकार है जो राज्य के गरीब छात्रों के मायूस चेहरों पर रौनक ला सकती है। जिन नीतियों की वजह से उनका भविष्य खतरे में पड़ गया था।
शायद इस उम्मीद से आंदोलनकारी एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री विवेकानन्द खंडूरी की मुख्यमंत्री से हुई वार्ता का सकारत्मक परिणाम निकल कर आये।
गढ़ी कैंट स्थित सैनिक धाम में आयोजित एक समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी से विवेकानन्द खण्डूरी की मुलाकात के दौरान अनोपचारिक वार्ता हुई जिसमें महाविद्यालय के सम्बंध में श्री खण्डूरी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अन्य कॉलेजों की भांति डीएवी कॉलेज को मिलने वाला अनुदान सरकार की नीतियों के चलते बन्द होने जा रहा है जिसके चलते राज्य में शिक्षा प्रणाली ठप्प होने की कगार पर है यदि ऐसा हुआ तो निश्चितरूप से कॉलेज का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। यही नही बल्कि राज्य में एचएनबी यूनिवर्सटी से सम्बद्ध जितने भी महाविद्यालय है उन सभी के भविष्य को ग्रहण लग सकता है।
इस सम्बंध में आंदोलनकारी एवं पूर्व छत्रसंघ अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री विवेकानन्द खंडूरी का कहना है कि केंद्रीय सरकार की नीति के तहत राज्य में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी होनी आवश्यक है। जिसमे गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके परंतु जब पहले से ही एचएनबी सेंट्रल यूनिवर्सटी है तो दूसरे की आवश्यकता क्यों? उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सटी के तहत लगभग चालीस लाख छात्र छात्राएं को लाभ मिलता है। अगर अनुदान बन्द होता है तो लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटक सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र रावत व तीरथ सिंह रावत दोनों सीएम को इस मामले से अवगत कराया जा चुका है जबकि कोरोना काल के समय आर्थिक संकट से जूझते हुए शिक्षको व कर्मचारियों द्वारा ऑन लाईन क्लासेस जारी है। ऐसी विषम परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को सही निर्णय लेना होगा जिससे महाविद्यालयों के साथ हजारों गरीब बच्चो को राहत मिल सके।
नवयुक्त सीएम श्री धामी ने कहा कि वे महाविद्यालय के भविष्य को ग्रहण नही लगने देंगे। इस सम्बंध में जल्द ही कोई सकारात्मक निष्कर्ष निकाला जाएगा।