आंदोलनकारी व प्रसिद्ध रंगकर्मी रेवानन्द भट्ट को दी श्रद्धांजलि

0

उत्तराखंड आंदोलनकारियों में शोक की लहर

Public Voice

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व प्रसिद्ध रंगकर्मी रेवानन्द भट्ट उर्फ रेवा भाई का 31-मार्च देर सांय उनके निधन पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के साथ ही कई रंगकर्मी व साहित्यकारों एंव समाजसेवियों ने स्वर्गीय रेवा भट्ट जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उनके पुत्र नितिन भट्ट द्बारा हरिद्वार मे मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बताया कि वह नगर निगम से सेवा निवृत थे उनके एक पुत्र और एक पुत्री है जबकि उनका पुत्र नितिन भट्ट भी अपने पिता के पग चिन्हो पर रंगकर्मी व नाट्य मंच की भूमिका निभा रहा है। वरिष्ठ जनकवि डाo अतुल शर्मा जी बताते है कि पृथक उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान जब मेरे लिखे सर्वाधिक चर्चित जनगीत का पहला कैसेट निकला तो उत्तराखंड आन्दोलन मे उसने जन जन को उद्वेलित कर दिया था। जनगीत था_लड़के लेंगे ….. भिड़ के लेंगे…. छीनके लेंगे…. उत्तराखंड ….जनगीत मे बेहरतीन ढोलक की ताल भाई रेवा नंद भट्ट जी ने ही दी थी। प्रभात फेरी मे भी वे इस गीत के साथ ताल मिलाते और रंग जमा देते थे। स्वर्गीय रेवा भट्ट जी एक बेहतरीन और दूरदर्शी इंसान के साथ उनमे रंगकर्म के प्रति जबरदस्त ललक थी।
राज्य आंदोलनकारी मंच के जयदीप सकलानी जो स्वयं भी नाट्यकर्मी व जनगीत गाने वाले बताते है कि अभी तीन वर्ष पूर्व जब जनसंवाद के बैनर तले सम्मान समारोह आयोजित किया था तो भट्ट जी विशेष तौर पर आमंत्रण किया गया था उन्होने भी जयदीप के आमंत्रण को स्वीकार कर व्हील चेयर पर आये और उन्हे सभी ने मिलकर प्यार से उनकी चेयर को स्टेज पर ले गये और उन्हे सम्मानित किया। कई रंगकर्मी व साहित्यकारों की वह अंतिम मुलाकात थी जबकि उनके पुराने साथी उनकी खैर खबर लेने बराबर जाते रहते थे।
युगांतर के नाटको से उन्हे सही तरह से जाना था। घासीराम कोतवाल आदि मे बहुत अच्छा अभिनय किया था।
रंगकर्मी रेवानन्द भट्ट युगान्तर , घासीराम कोतवाल व सैयां भये कोतवाल बेहतरीन अदायगी से बहुत चर्चित नाटक रहे।
रंगकर्मी सतीश धोलाखण्डी ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन मे सुरेन्द्र भण्डारी के द्बारा रचित नाटक केन्द्र से छुड़ाना है मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सतीश धोलाख्न्डी ने बताया कि राज्य बनाने के बाद नई पीढ़ी के लोगो हमेशा आगे मंच प्रदान किया और प्रोत्साहन किया। भट्ट जी सभी के मददगार थे और सुलझी हुई सलाह भी देते थे। और मंच फर तो अपने सधे हुए अभिनय से मन खुश कर देते थे ।संवाद अदायगी बहुत संतुलित थी ।
अतुल शर्मा के जनगीत “तकलीफे तूफान बनी है.. “को बहुत अच्छी तरह गाया था जिसमे जगमोहन जोशी मन्टू द्बारा धुन तैयार की गई थी।
राज्य आंदोलनकारी व गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि वह उत्तराखण्ड नाट्य परिषद के दूसरे महासचिव रहते हुए भव्य नाट्य समारोह आयोजित हुए जिसमे हमेशा युवाओ को प्रोत्साहन दिया गया।
श्रद्धांजली देने वालो मे मुख्यतः ओमी उनियाल , प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी , डाo अतुल शर्मा , प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी , पूर्व विधायक राजकुमार , पूर्व पार्षद राजेश चौधरी , समाज सेवी उदय मल्ल , रंगकर्मी , रमेश डोबरियाल , फिल्म निदेशक अनुज जोशी एंव कमलेश खन्त्वाल , नाट्यकर्मी अभिषेक मैंदोला और दीपक रावत , चन्द्र किरण राणा , सुदेश सिह , सुरेश कुमार , विनोद असवाल , सुरेश नेगी , मनोज ज्याडा , अंबुज शर्मा , राकेश नौटियाल , गौरव खंडूड़ी , वीरेन्द्र सकलानी आदि रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *