कार्य मे पारदर्शिता लाने हेतु अच्छे आचरण के साथ अनुशासन आवश्यक: अशोक कुमार

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साइबर क्राईम पर प्रभावी कार्यवाही की रणनीति शीघ्र

देहरादून। राज्य में पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने व समाज मे आम नागरिक के बीच मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का मानना है कि कार्य मे पारदर्शिता लाने के लिए अच्छा आचरण व अनुशासन का होना बहुत आवश्यक है। इसके लिए उनका हमेशा प्रयास रहा है कि वे अच्छे आचरण व अनुशासन के जरिये पुलिस महकमे में पारदर्शिता लाये।
श्री अशोक कुमार आज उत्तराखण्ड प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि आम नागरिक के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण वाली होनी चाहिए। जिससे पुलिस व आम नागरिक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस महकमे में किसी भी प्रकार की अनियमिता बर्दाश्त नही की जाएगी। पुलिस से बात करके ख़ुशी महसूस हो हमे ऐसी छवि बनानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे हमने जिस तरह से हालत को काबू किया है उससे आम नागरिक व पुलिस के प्रति विश्वसनीयता कायम हुई है।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस सुधारीकरण के साथ आम नागरिक के प्रति बेहतर सम्वाद स्थापित किये जाने की सोच मेरे जेहन में शुरू से थी। अध्ययनरत शिक्षा के दौरान व कई माध्यमो के जरिये मेरे मन में मानवीय दृष्टिकोण की भावना शुरू से ही रही है। इसीलिये अपनी सकारात्मक सोच को साकार करने का प्रयास कर रहा हूँ।
पूछे गए एक सवाल के जवाब में श्री अशोक कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाना केवल पुलिस का ही काम नही है उसके लिए आम नागरिकों को भी सहयोग करने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चालान के वक्त अक्सर कई लोग चालान शुल्क अदा करते वक्त साहस नही दिखा पाते। क्योंकि चालान के वक्त खुद को दोषी नही मानते।
साइबर क्राइम पर बोलते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि साइबर क्राइम की समस्या केवल राज्य स्तर में हीं नही है बल्कि पूरा देश इससे प्रभावित है।उन्होंने कहा कि कोरोना काल से ही सारी चीजें ओन लाइन हो गई है। इसलिए साईबर क्राइम भी बहुत अधिक बढ़ चुका है। साइबर क्राईम पर प्रभावी कार्यवाही करने की रणनीति बनाई जा रही है। आज साइबर क्राईम देश मे बड़ी चुनोती बन गया है। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना पड़ेगा।

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