सैन्य हॉस्टल का बेजार पुल वर्षो से  सरकार की नजरें इनायत को तरस रहा है

सैन्य हॉस्टल का बेजार पुल वर्षो से सरकार की नजरें इनायत को तरस रहा है

भारी वर्षा के कारण आपदा की भेंट चढ़ा डांडा लाखोंड का सैन्य हॉस्टल पुल से लगा मार्ग

दो वर्षो से सरकार की उदासीनता का झेल रहा है दंश…

देहरादून। प्रदेश मे लगातार हो रही बारिश से जहाँ पहाड़ी क्षेत्र प्रभावित हो रहे है वही राज्य के कई मैदानी क्षेत्र भी आपदा से अबअछूते नहीं रहे है।
बीती रात लगातार हो रही बारिश से शिवगंगा एंक्लेव, डांडा लाखौड एवं गढ़वाल राइफल्स वार मेमोरियल बॉयज एंड गर्ल्स हॉस्टल के बीच पुल से लगा हुआ लगभग 100 मीटर रास्ता पूर्ण रूप से बह गया जिसके कारण वहां रह रहे क्षेत्रीय लोगो को आवगमन मे भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

जबकि चारधाम यात्रा को लेकर सरकार हर सड़कों व रास्तो को बेहतर बनाने मे जुटी है।
कई सड़के व पुल जो पूर्व मे भारी वर्षा के कारण टूट चुके थे वे पुनः मरम्मत के बाद साकार हो गये है परन्तु भारी वर्षा का दंश झेल रहे
डांडा लाखोंड- सैन्य हॉस्टल का बेजार पुल से लगा मार्ग सरकार की नजरें इनायत दीदार को तरस रहा है।

गौरतलब है पिछले वर्ष हुई भारी वर्षा के कारण गढ़वाल राइफल्स के बॉयज एंड गर्ल्स हॉस्टल का कुछ एरिया पहले ही बह गया था
और लगातार हो रही बारिश का कहर अभी बरकरार है।
बता दैं कि आर्मी का इकलौता हॉस्टल देहरादून में है लेकिन किसी भी आला अधिकारियों ने एक साल तक इसकी सुध तक नहीं ली इस हॉस्टल में बच्चों से लेकर जवान लड़के- लड़कियां अध्यनरत हैं एक साल से यहां पर एक साइड से कोई भी चारदीवारी नहीं हो पाई अभी हाल ही में नदी किनारे जो काम लगाया था
वह भी भारी बारिश एवं तबाही के कारण आपदा की भेंट चढ़ गया इस आपदा में हॉस्टल का लगभग 300 मीटर एरिया पूरा बह चुका है।

अब यह देखना है कि यहां पर आर्मी के आला अधिकारी एवं शासन-प्रशासन कितने जल्दी कार्रवाई करते हैं। तथा हॉस्टल में बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा के क्या पुख्ता इंतजाम करते हैं।

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